बिहार में बुझते चिराग को मिल सकता है बड़ा सहारा, दो बड़े नेता बन सकते है हमसफ़र

[simple-author-box]

पटना(हथुआ न्यूज़): बिहार के टिमटिमाते चिराग पारिवारिक कलह और बिहार विधानसभा चुनाव के समय अपने आक्रामक व्यवहार के चलते फिलहाल अकेले पड़ चुके है। परिवारिक कलह के बाद लोजपा के अध्यक्ष चिराग पासवान को छोटे दलों और पिछले कुछ चुनावों में सदन में जाने से छूट गए नेताओं का सहारा मिल सकता है। पार्टी के संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती के बहाने इसकी शुरुआत हुई। पूर्व सांसद डा. अरुण कुमार के घर पर जुटे एक दौर के बड़े नेताओं ने चिराग को साथ देने का वादा किया। उस जुटान में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रो. रामजतन सिन्हा और पूर्व मंत्री वीणा शाही भी शामिल हुई थीं। खबर है कि चिराग की आशीर्वाद यात्रा में इन नेताओं के समर्थक साथ दे रहे हैं।
विधानसभा का पिछला चुनाव मुख्यत: दो गठबंधन-राजग और महागठबंधन के बीच हुआ था।मगर, अधिसंख्य सीटों पर लड़ाई का तीसरा कोण भी था। करीब 50 सीटों पर यह कोण लोजपा के चलते बना। 50 से अधिक सीटों पर यह कोण ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेक्यूलर फ्रंट बना रहा था। इसमें रालोसपा, बसपा, समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक, एआइएमआइएम, सुहेलदेव भारतीय जनता पार्टी और जनवादी पार्टी सोशलिस्ट जैसे छोटे दल शामिल थे। सभी 243 सीटों पर इनके उम्मीदवार थे। एमआइएम की पांच सीटों पर जीत हुई। अन्य दलों का खाता नहीं खुला। रालोसपा का अब जदयू में विलय हो गया है। इसके अलावा पप्पू यादव की जनाधिकार पार्टी भी मैदान में थी।
लोजपा की नजर उन नेताओं और दलों पर है, जो राजग और महागठबंधन से समान दूरी पर हैं। इसे तीसरा मोर्चा का नाम दिया जा सकता है। पूर्व सांसद डा. अरुण कुमार ने कहा-हम लोजपा के साथ जा सकते हैं। हमारा लक्ष्य उन तमाम दलों और नेताओं को एक मंच पर लाना है, जो राज्य की मौजूदा सरकार को नापसंद करते हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान का भी यही लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हम अन्य दलों से संपर्क करेंगे। सत्तारूढ़ दल में जिस तरह टकराव है, विधानसभा के मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज नहीं किया जा सकता है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

Please Share This News By Pressing Whatsapp Button




जवाब जरूर दे 

[poll]

Related Articles

Close
Close

Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129