कुपोषण से मुक्ति के लिए समय पर ऊपरी आहार जरूरी

हथुआ न्यूज़ : यदि बिहार को स्वस्थ्य व समृद्ध बनाना है तो समाज के सबसे पिछड़े बस्तियो के लोगो को पोषण के प्रति जागरूक करना होगा। इनके बस्तियो में जाकर इनके रहन-सहन का अध्यन कर ईमानदारी पूर्वक इनमे विस्वास पैदा करना होगा। आज सरकार के प्रयास से इनके रहन-सहन में बदलाव शुरू हो चुका है पर जिस गति से होना चाहिए था वो गति अभी दिखाई नही दे रही है। पोषण के प्रति ये जागरूक तो कुछ हद तक दिखाई दे रहे है पर स्वच्छता के प्रति अभी भी अल्हड़ ही दिखाई दे रहे है। स्वच्छता के प्रति इन्हें जगरुख करना ही सबसे बड़ी चुनौती है पर कहा जाता है न कि ” जहाँ चाह है वही राह है” लगातार प्रयास से निश्चित ही इनके जीवन मे भी बदलाव आएगा एवं स्वस्थ्य, समृद्ध एवं कुपोषण मुक्त बिहार बनेगा।

 

 

 


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