प्रधानाध्यापक के सेवानिवृत्त होने पर गमगीन हुआ विद्यालय परिवार
हथुआ(हथुआ न्यूज़): हथुआ प्रखंड में पठन-पाठन और अपनी व्यवस्था के लिए चर्चित रहा उत्कर्मित मध्य विद्यालय बरवा कपरपुरा मे गुरुवार को एक साथ एक सुखद खबर तथा एक दुखद खबर ने विद्यालय परिसर को विषम परिस्थिति में डाल दिया। एक तरफ जहां विद्यालय के नामचीन प्रधानाध्यापक सुभाष चंद्र सिंह के सेवानिवृत्ति के कारण गमगीन माहौल रहा और छात्र-छात्राएं उदास दिखे वहीं दूसरी तरफ इस विद्यालय को एक साथ छ: पुरस्कार मिलने से खुशी भी देखी गई। अपने लोकप्रिय प्रधानाध्यापक के सेवानिवृत्त होने को लेकर सुबह से ही विद्यालय परिसर में उदासी देखी जा रही थी और कई छात्र-छात्राएं फूट फूट कर रो रहे थे। अपने करीब साढे 4 साल के समयावधि में विद्यालय के विकास को चार चांद लगाने वाले श्री सिंह के सेवानिवृत्ति पर एक संक्षिप्त समारोह का आयोजन हुआ जिसमें विद्यालय परिवार के अलावा स्थानीय ग्रामीण भी उपस्थित थे।
इस मौके पर आयोजित विदाई समारोह में विद्यालय परिवार के प्रभारी प्रधानाध्यापक पंकज कुमार, प्रतिभा कुमारी, शोभना अस्थाना, अशोक कुमार, पुष्पा कुमारी, अमित कुमार, विभा कुमारी, मीना देवी ,रागिनी केसरी आदि समेत समस्त शिक्षक उपस्थित थे स्थानीय ग्रामीण राकेश श्रीवास्तव हरेराम सिंह आदि ने भी अपने विचारों को रखा। समारोह में प्रभारी प्रधानाध्यापक पंकज कुमार ने कहा कि 37 साल की शानदार सेवा के उपरांत खाली हुई जगह को भर पाना अब संभव नहीं हो सकेगा यह विद्यालय की एक अपूर्णीय क्षति है। वहीं शिक्षक अशोक कुमार का कहना था कि अपने कौशल, प्रतिभा और प्रेम के बदौलत क्षेत्र में स्थान बनाने वाले श्री सिंह हमारे दिलों में सदैव विराजमान रहेंगे। बीआरपी धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षक कभी सेवानिवृत्त नहीं होते वह समाज के सरोकार से सदैव जुड़े रहते हैं और उम्मीद जाहिर की कि उनका मार्गदर्शन आगे भी मिलता रहेगा। स्थानीय निवासी राकेश श्रीवास्तव का कहना था कि कम समय में विद्यालय को इतनी ऊंचाई पर पहुंचाना हमारे प्रधानाध्यापक के कर्तव्य परायणता का परिचायक है। कार्यक्रम के अंत में प्रधानाध्यापक श्री सिंह ने अपने मार्मिक संबोधन में कहा कि आना-जाना प्रकृति का शाश्वत नियम है और जो योगदान किया है उसे एक दिन सेवानिवृत्त भी होना है पर समाज उसे याद करती है जो अपनी कर्मठता और कर्तव्य परायणता से लोगों के दिलों पर छाप छोड़ जाए।