बच्चो पर न डालो पढ़ाई का बोझ, नन्हे पौधे है मुरझा जाएंगे

गोपालगंज (हथुआ न्यूज़): भारतीय शिक्षा प्रणाली में स्‍कूल के बाद ट्यूशन पढ़ने का चलन काफी तेजी से बढ़ा है। अब तो ये भी समझा जाने लगा है कि स्‍कूल के बाद ट्यूशन पढ़ने से ही नंबर अच्‍छे आ सकते हैं और बच्चा काबिल बन सकता है। हालांकि, कुछ बच्‍चे बिना ट्यूशन के भी स्‍कूल में पढ़ाई पूरी करने में सक्षम होते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को समझना है कि उनके बच्‍चे को ट्यूशन की जरूरत है भी या नहीं।
बच्‍चों की पढ़ाई में इतनी बड़ी गलती कर रहे हैं पैरेंट्स, आज नहीं रुके तो बहुत पछताएंगे। स्‍कूल में जो पढ़ाई छूट जाती है या नहीं हो पाती है, उसे पूरा करने के लिए बच्‍चे स्‍कूल के बाद ट्यूशन पढ़ने जाते हैं। वहीं जिन सब्‍जेक्‍ट्स में बच्‍चे कमजोर होते हैं, उन्‍हें कवर करने के लिए भी ट्यूशन लगाई जाती है। कुछ पैरेंट्स को बच्‍चों के लिए घर पर ही प्राइवेट ट्यूटर को बुलाने में अपनी बड़ी उपलब्धि समझने लगे हैं। ट्यूशन का चलन नया नहीं है बल्कि कई सालों से यह चला आ रहा है। अब वो जमाना गया जब सिर्फ वो बच्‍चे ट्यूशन जाया करते थे जिन्‍हें स्‍कूल की पढ़ाई समझ नहीं आती थी या जो बच्‍चे किसी बड़ी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे होते थे या जिनके पास कोई मार्गदर्शन नहीं था।
वैसे बहुत से बच्‍चे बिना ट्यूशन लिए भी अपनी पूरी स्‍कूल लाइफ कंप्‍लीट कर देते हैं। अगर आप भी पैरेंट हैं तो क्‍या आपको भी लगता है कि पढ़ाई पूरी करने के लिए हर बच्‍चे को स्‍कूल के बाद ट्यूशन जाना ही चाहिए या फिर आपको लगता है कि यह बस समय और पैसों की बर्बादी है?
वहीं कमाल की बात तो यह है कि कई पैरेंट्स को तो यहा तक पता नहीं होता कि बच्‍चों को किस उम्र से ट्यूशन भेजना सही रहता है और ये उसके लिए फायदेमंद भी है या नहीं। इसमें सबसे ज्‍यादा महत्‍व है आपके बच्‍चे की उम्र। कई पैरेंट्स तो अपने तीन साल के बच्‍चे को ही ट्यूशन भेजना शुरू कर देते हैं। इतने छोटे बच्‍चे को जिंदगी की रेस में भागने के लिए ट्यूशन की जरूरत नहीं है बल्कि उसे आपके सपोर्ट और परवरिश की जरूरत है। इस समय रिपोर्ट कार्ड उसके किसी काम की नहीं है। पैरेंट्स को यह सोचना चाहिए कि इतने छोटे बच्‍चे को पढ़ाने के लिए वो खुद सक्षम नहीं हैं या उनके घर में कोई ऐसा नहीं है जो उसे पढ़ा सके। ट्यूटर रखने का मतलब हो सकता है कि आप पढ़ाई को बच्‍चे के लिए बहुत ज्‍यादा सीरियस बना रहे हैं और बच्‍चा बहुत जल्‍दी इससे थक जाएगा। आप ये देखें कि आप के छोटे या टीनएज बच्‍चे को सच में ट्यूशन की जरूरत है या नहीं। क्‍या पता स्‍कूल में ही उसकी पढ़ाई पूरी हो जाती है। ऐसे में ट्यूशन लगाकर आप अपने बच्‍चे को स्‍टडी के लिए दूसरों पर निर्भर कर रहे हैं। क्‍या पता वो खुद ही अपनी पढ़ाई पूरी कर सकता हो। अगर आपका बच्‍चा कहता है कि उसे किसी सब्‍जेक्‍ट के लिए ट्यूशन की जरूरत है, तब आप उसकी हेल्‍प करें। बच्‍चे से बात किए बिना कोई भी ट्यूशन शुरू करना गलत है।


जवाब जरूर दे 

आप अपने सहर के वर्तमान बिधायक के कार्यों से कितना संतुष्ट है ?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles