हथुआ जंक्शन से राजधानी पटना के लिए अब एक भी ट्रेन यात्रियों के लिए उपलब्ध नहीं, यात्री हो रहे परेशान
मीरगंज (हथुआ न्यूज़): कोरोना महामारी के दूसरी लहर के बाद ट्रेनो के पुनः परिचालन का सिलसिला सूबे के अन्य जगहों पर फिर से अपना रफ्तार पकड़ चुका है पर हथुआ जंक्शन इसका अपवाद बनकर रह गया है। नतीजतन हथुआ अनुमंडल के लाखों यात्रीगण अभी तक ट्रेन सेवा का न के बराबर फायदा ले पा रहे हैं और मनमाना भाड़ा चुका कर सड़क मार्ग से अपने गंतव्य पर जाने को अभिशप्त हैं। हालत अभी स्थानीय रेलवे की यह हो गई है कि हथुआ जंक्शन से राज्य की राजधानी पटना या इसके आसपास तक जाने के लिए कोई ट्रेन फिलहाल उपलब्ध नहीं है जबकि पहले सिर्फ हथुआ जंक्शन से 6 जोड़ी ट्रेनों का आना जाना लगा रहता था। फिलहाल यहां से सिर्फ एक ट्रेन 05153 की सेवा जारी है जो सिवान होते हुए गोरखपुर को जाती है और पुनः वापस लौटती है।कोरोना काल के दूसरे चरण से उबरने के बाद ट्रेन सेवा के नाम पर यही एकमात्र ट्रेन की सेवा उपलब्ध हो सकी है जबकि छपरा, हाजीपुर और पटना के लिए एक भी ट्रेन सेवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हथुआ अनुमंडल के लाखों यात्रीगण सूबे की राजधानी पटना तक जाने के लिए ₹500 से ज्यादा खर्च करके सड़क मार्ग से जाने को मजबूर हैं। यही नहीं सिवान और छपरा तक भी जाने के लिए उनको यात्रा भाड़े में 3 अंकों मे यात्रा खर्च वहन करना पड़ रहा है जो पहले रेलवे के चलने की वजह से मामूली खर्च में आया जाया करते थे।
पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद की प्रयासों से शुरू हुआ हथुआ से पंचदेवरी स्टेशन तक अब एक भी ट्रेन परिचालन में नहीं है और इस रूट के चार स्टेशनों पर फिलहाल सन्नाटा छाया हुआ है। कई स्टेशन पर तो रेलवे कर्मियों के नहीं रहने से लगता ही नहीं है कि यहां पर कभी चहल-पहल भरे रेलवे स्टेशन हुआ करते थे। नतीजतन इस रूट के बथुआ, लाइन बाजार, पंचदेवरी आदि स्टेशनों पर साफ सफाई का अभाव और खर-पतवारो के उग आने के कारण आवारा जानवरों का शरण स्थल सा बन गया है। ऐसे में इस क्षेत्र के लोगों को अब सड़क मार्ग एकमात्र सहारा बना हुआ है जहां पर हो मनमाना भाड़ा चुका कर आने जाने को बाध्य हैं।
विदित हो कि इसके पहले इस रूट की ट्रेनों के चलने से हथुआ, फुलवरिया, उचकागांव, पंचदेवरी ,भोरे और कटेया प्रखंड तक के यात्रीगण कम खर्च और सुगमता से ट्रेन के माध्यम से आराम से आया जाया करते थे। पहले यात्रियों के लिए पचदेवरी से लेकर हाजीपुर और थावे से पाटलिपुत्र तक के लिए पैसेंजर ट्रेन सेवा उपलब्ध थी जो यात्रियों को कम खर्च और कम समय में राजधानी पटना तक आने जाने के लिए बेहतरीन और पसंदीदा सुविधा मुहैया कराती थी पर यह सब अब सपना हो चुका है और फिलहाल यात्री जनों को निजी वाहनों से आने जाने का ही एकमात्र विकल्प बचा हुआ है।
पहले बथुआ से लेकर पाटलिपुत्र तक जाने के लिए स्थानीय यात्रियों को मात्र ₹40 खर्च करना पड़ता था जो कि फिलहाल सड़क मार्ग से जाने पर ₹600 पड़ रहा है। इसी तरह पचदेवरी से सीवान तक जाने का रेलवे का किराया मात्र ₹15 था जो कि फिलहाल सड़क मार्ग से जाने पर ₹100 से ज्यादा पड़ रहा है। हथुआ से छपरा तक रेलवे से जाने का किराया मात्र ₹25 था जो अब सड़क मार्ग से जाने पर ₹200 से से ज्यादा हो गया है। पैसेंजर ट्रेन से हथुआ जंक्शन से सिवान जाने का रेलवे का किराया मात्र ₹10 था जो फिलहाल सड़क मार्ग से जाने पर ₹50 तक हो गया है ऐसे में सहज ही समझा जा सकता है कि इस क्षेत्र के यात्रियों के लिए ट्रेनों के न चलने से कितना आर्थिक शोषण हो रहा है। स्थानीय स्टेशन सुपरिटेंडेंट मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि फिलहाल इस रूट से अन्य ट्रेनों के चलाने के बारे में रेलवे से कोई सूचना प्राप्त नहीं है।