बिहार में नल-जल योजना के तहत मरम्मत की समय सीमा तय, पानी की चोरी पर पांच हजार तक का लग सकता है जुर्माना

पटना (हथुआ न्यूज़): लोगो को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए बिहार सरकार की महत्वाकांक्षी योजना सात निश्चय योजना के तहत सभी को नल जल योजना से जोड़ कर जल पहुँचाया जा रहा है परन्तु फण्ड की कमी के चलते इसके सुचारू रूप से क्रियान्वयन में दिक्कतें आ रही है अब पीएचइडी विभाग राज्य भर में सात निश्चय पार्ट टू के तहत मुख्यमंत्री हर घर नल- जल योजना से जुड़े लाभुकों को एक जुलाई से हर महीना 30 रुपये वसूल करेगी. पीएचइडी ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. यानी पीएचइडी और पंचायती राज विभाग के माध्यम से एक करोड़ 73 लाख से अधिक परिवारों को जुलाई से नल के जल के लिए शुल्क देना होगा.वहीं, दोबारा कनेक्शन लेने के लिए 300 रुपये देने होंगे. योजना के तहत एक करोड़ 83 लाख परिवारों को शुद्ध पानी पहुंचाने का लक्ष्य है. नयी पॉलिसी के तहत लाभुक को प्रति माह 30 रुपये देने हैं.
अगर कोई राशि नहीं देता है, तो वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति संबंधित उपभोक्ता को नोटिस भेजगी और नोटिस भेजने के 15 दिनों के बाद भी लाभुक शुल्क देने में संकोच करेंगे, तो उनका कनेक्शन काट दिया जायेगा. वहीं, जब दोबारा कनेक्क्शन के लिए वार्ड क्रियान्वयन समिति एवं प्रबंधन समिति की अनुशंसा जरूरी होगी.

मरम्मत की समय सीमा तय

* साधारण लीकेज को 12 से 24 घंटे और असाधारण लीकेज को तीन से पांच दिनों में ठीक करना होगा.

* मोटर पंप में खराबी 24 घंटे में ठीक करना है. वहीं, एक अलग से मोटर भी रखना है.

* साधारण मरम्मत 24 घंटे में करनी होगी.

* स्टैंड पोस्ट की मरम्मत को 24 घंटे में करनी है.

* जल मीनार की सफाई 15 दिनों पर करनी है.

* पानी की गुणवत्ता की जांच तीन दिनों पर होनी है.

* पानी की चोरी करने पर पांच हजार रुपये तक का जुर्माना

कोई भी लाभुक या अन्य बाहरी व्यक्ति पानी की चोरी करेंगे, यानी बीच में कोई पंप लगाता है या बीच में पाइप को कट कर पानी की धार को बदलता है, तो वैसे लोगों से पांच हजार का जुर्माना लिया जायेगा और संपत्ति भी जब्त की जा सकेगी. यदि दोषी उपभोक्ता जुर्माना नहीं देता है, तो सर्टिफिकेट वाद दायर करते हुए जुर्माने की वसूली जायेगी.


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