“बिहार में मंगलराज या जंगलराज” 6 माह में धुंआधार क्राइम बढ़ी

 

पटना/गोपालगंज (हथुआ न्यूज़): बिहार में क्राइम कंट्रोल के लिए आरएस भठ्ठी को डीजीपी बनाया गया परंतु क्राइम का ग्राफ रुकने के बदले बढ़ता ही जा रहा है. लोगो के मन मे एक बार फिर जंगल राज का खौफ दिखने लगा है. हालिया घटनाओं से ये साफ दिखने लगा है कि अपराधियों के मन से सरकार और कानून का डर समाप्त हो गया है. अपराधी बेखौफ होकर लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दे रहे है. हाल की घटनाओं को देखे तो, गया में अपराधियों ने जेडीयू के जिला उपाध्यक्ष सुनील सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी. अपराधियों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ गोलीबारी की थी, जिससे सुनील सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. अभी दो दिन पहले राजधानी पटना में चेन स्नेचिंग के दौरान बदमाशों ने महिला समेत चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी. सिवान में भी को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रामायण चौधरी के घर में घुसकर बदमाशों ने उनपर गोलियां चलाईं.
राजधानी पटना में ही खगौल के एक व्यवसायी की दुकान पर पिस्टल की फोटो लगी पोस्टर चिपका कर किसी ‘यादव गैंग’ ने 5 लाख की रंगदारी मांगी है. कई अन्य जिलों से भी लगातार क्राइम की खबरें आ रही हैं. हाल के दिनों में ऐसी घटनाएं इतनी बढ़ गई है कि इसे फिर से ‘जंगलराज की वापसी’ बताया जाने लगा है.
खासकर विपक्षी पार्टी बीजेपी लगातार आरजेडी-जेडीयू गठबंधन पर हमलावर है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि आरजेडी के फिर से सरकार में शामिल होने के बाद से क्राइम का ग्राफ बढ़ता जा रहा है.छपरा के मुबारकपुर पंचायत में तीन युवकों को एक पॉल्ट्री फार्म में बंद करके बेरहमी से पीटा गया था. मुखिया के पति पर आरोप लगे हैं. तीनों को लोहे के रॉड, पाइप वगैरह से मारा गया था. इसमें पहले एक युवक की मौत हुई, फिर दूसरे ने भी इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पिटाई की वीडियो वायरल हुई तो प्रशासन ने हालात बिगड़ने की आशंका पर 10 फरवरी तक इंटरनेट सेवा बाधित कर दी थी. इस पर भी विपक्ष ने निशाना साधा था. आरजेडी की सरकार में वापसी को 6 महीने ही हुए हैं और इस 6 महीने के दौरान लगातार क्राइम की घटनाएं सामने आ रही हैं. खासकर हत्या, लूटपाट और रंगदारी की घटनाएं.
बढ़ती आपराधिक घटनाओं को लेकर बिहार मुखिया संघ भी सरकार पर हमलावर है. संघ ने जनप्रतिनिधियों की बढ़ती हत्याओं को लेकर सीएम और डिप्टी सीएम से सुरक्षा की मांग करते हुए बंदूक का लाइसेंस देने की मांग की है. जनप्रतिनिधियों ने आने वाले समय में सड़क पर उतरने की भी चेतावनी दी है.

हाल के दिनों में हुईं कुछ चर्चित आपराधिक घटनाएं

10 फरवरी: बेगूसराय के भगवानपुर में एक की गोली मार कर हत्या, गुस्साए लोगों ने थाने में की तोड़फोड़.
09 फरवरी: गोपालगंज में फुलुगनी पंचायत के मुखिया की गोली मार कर हत्या.
05 फरवरी: गोपालगंज के बथुआ बाजार में दिनदहाड़े आभूषण दुकान में हथियार के बल पर लाखों की लूट.
03 फरवरी: जहानाबाद में जदयू की पूर्व जिलाध्यक्ष का पति नाबालिग से रेप के आरोप में गिरफ्तार
30 जनवरी: आरा में रिटायर्ड प्रोफेसर दंपती की धारदार हथियार से हत्या
25 जनवरी: मधुबनी में मामूली कहासुनी के बाद दंपती की गोली मारकर हत्या
24 जनवरी: राजधानी पटना में दो गुटों के बीच खूनी जंग, फायरिंग में एक की मौत
24 जनवरी: वैशाली में आरजेडी नेता के बेटे को कार से उतार मारी गोली
18 जनवरी: पूर्णिया में उधार के पैसे वापस मांगने पर नाबालिग छात्रा की पीट-पीट कर हत्या
18 जनवरी: छपरा में एकतरफा प्यार में ममेरी बहन की चाकू गोद कर हत्या
17 जनवरी: वैशाली में 10 साल की बच्ची पर केरोसिन छिड़क लगा दी आग
17 जनवरी: पटना में ऑनलाइन सट्टा के विवाद में युवक को गोलियां से भूना
16 जनवरी: लखीसराय में हत्या के बदले एक अधेड़ की गोली मारकर हत्या
13 जनवरी: बेगूसराय में पान खाने गए युवक की पीट-पीट कर हत्या
03 जनवरी: पूर्णिया में विधानसभा प्रत्याशी व कारोबारी की हत्या कर पेड़ से लटकाई लाश.
क्राइम को लेकर बिहार का नाम टॉप के राज्यों में शामिल रहा है. आरजेडी की वापसी से पहले भी क्राइम का ग्राफ देश के कई राज्यों की तुलना में ऊपर ही रहा है. NCRB के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, आईपीसी के तहत दर्ज मामलों में बिहार का देशभर में 7वां स्थान है. अगस्त में एनसीआरबी ने 2021 की रिपोर्ट जारी की थी. इसके अनुसार, महाराष्ट्र, यूपी और तमिलनाडु टॉप 3 राज्यों में शामिल हैं, जबकि 1.86 लाख घटनाओं के साथ बिहार 7वें नंबर पर है.

हत्या के मामले में दूसरा जबकि चोरी के मामले में तीसरे स्थान पर है बिहार

बिहार में एक साल में जमीन विवाद के 3336 मामले दर्ज किए गए, जो सर्वाधिक थे. प्रति एक लाख की आबादी पर जमीन विवाद की दर 2.7 है. 2021 में हत्या के सर्वाधिक 3717 मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए हैं, जबकि बिहार 2799 कांडों के साथ देश में दूसरे स्थान पर है. चोरी के मामले में बिहार का तीसरा स्थान है. टॉप पर महाराष्ट्र (67,218 मामले) है, उसके बाद यूपी(40,944 मामले) और फिर बिहार(38,277 मामले) है.

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