बुखार न हो तब भी हो सकता है बुजुर्गों को कोरोना, नई स्टडी में खुलासा

पटना (हथुआ न्यूज़): कोरोना से मचे त्राहिमाम में मौत का आंकड़ा इस बार 2020 के मुकाबले ज्यादा बढ़ा है वही संक्रमण गांवो तक फैल गया है। कोरोना की दूसरी लहर में बुखार आने का मतलब कोरोना पॉजिटिव होना मान लिया गया है। युवाओं पर यह बात काफी हद तक सही साबित हो रही है पर बुजुर्गों के मामले में बुखार वाली थ्योरी ठीक नहीं है। एक ताजा शोध के अनुसार, जरूरी नहीं कि बुजुर्गों को कोरोना होने पर बुखार आए। तो फिर बुजुर्गों में शुरुआत में कोविड-19 संक्रमण की पहचान कैसे हो? इसका जवाब है कि पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल कर लगातार उनके ऑक्सीजन स्तर पर नजर रखी जाए। सिर्फ बुखार को प्रमुख लक्षण मानकर उसकी मॉनिटरिंग करने से न केवल उनकी जान को खतरा हो सकता है बल्कि परिवार के दूसरे सदस्य भी संक्रमित हो सकते हैं।
अमेरिका की वॉशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी में कोरोना पर हुए नए शोध के अनुसार, वृद्ध जनों के मामले में शरीर के तापमान की जांच करने की बजाय पल्स ऑक्सीमीटर का इस्तेमाल ज्यादा कारगर है।


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